आगामी आयोजन

भा.वा.अ.शि.प. के संस्थानों द्वारा अद्यतन

 आईसीएफआरई-बांस और रतन केंद्र (आईसीएफआरई-बीआरसी) बेथलहम वेंगथलांग आइजोल, में 17 अप्रैल, 2024 को वन विज्ञान केंद्र के अंतर्गत पादप ऊतक संवर्धन पर एक दिवसीय व्यावहारिक प्रशिक्षण का आयोजन   -:   23 April 2024

 भा.वा.अ.शि.प.-वर्षा वन अनुसंधान संस्थान, जोरहाट (असम) ने 22 से 27 जनवरी, 2024 तक बांस पर एक सप्ताह का राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण आयोजित किया  -:   23 April 2024

 :'भा.वा.अ.शि.प.- वर्षा वन अनुसंधान संस्थान, जोरहाट (असम) ने 7 से 8 मार्च, 2024 तक CAMPA द्वारा प्रायोजित वृक्ष उत्पादक मेला का आयोजन किया।  -:   23 April 2024

 पृथ्वी दिवस 2024 पर रिपोर्ट  -:   23 April 2024

 'ट्रीजिनी' एक डिजिटल इंटरएक्टिव मंच पर कार्यशाला रिपोर्ट  -:   23 April 2024

 'ट्रीजिनी' -एक डिजिटल इंटरएक्टिव मंच पर कार्यशाला रिपोर्ट  -:   23 April 2024

 भा.वा.अ.शि.प-वन आनुवंशिकी एवं वृक्ष प्रजनन संस्थान में 15.04.2024 को मनाए गए 133वीं डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर जयंती पर रिपोर्ट  -:   16 April 2024

 पर्यावरण अनुसंधान स्टेशन, आईएफपी, रांची द्वारा "उत्तरी बंगाल में औषधीय पौधों की खेती, संरक्षण और सतत उपयोग" पर राष्ट्रीय औषधीय पादप बोर्ड (एनएमपीबी) द्वारा प्रायोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी पर एक रिपोर्ट  -:   05 April 2024

  नर्सरी में गुणवत्ता रोपण सामाग्री उत्पादन पर प्रशिक्षण - मदुरै  -:   05 April 2024

 नर्सरी में गुणवत्ता रोपण सामाग्री उत्पादन पर प्रशिक्षण - तिरुनेल्वेली  -:   05 April 2024

 रेड सैंडर्स- प्रभु का अपना पेड़ पर प्रशिक्षण रिपोर्ट (वीवीके, कोयंबत्तूर के तहत)  -:   03 April 2024

 आईसीएफआरई-बांस और रतन केंद्र (आईसीएफआरई-बीआरसी) बेथलहम वेंगथलांगआइजोल ने वन विज्ञान केंद्र, मिजोरम के तहत तीन दिवसीय व्यावहारिक प्रशिक्षण सह प्रदर्शनी का आयोजन किया  -:   02 April 2024

  आईसीएफआरई-आईएफबी, हैदराबाद में 07.03.2024 को वीवीके के तहत "खराब भूमि के पुनर्वास के लिए स्थायी भूमि प्रबंधन प्रथाओं" पर रिपोर्ट आयोजित की गई।  -:   02 April 2024

 वन विज्ञान भवन, नई दिल्ली में 21-22 मार्च 2024 तक दो दिवसीय राजभाषा प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन  -:   02 April 2024

 दिनांक 18 से 21 मार्च, 2024 तक भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद, देहरादून की महानिदेशक, श्रीमती कंचन देवी द्वारा भावाअशिप-वन उत्पादकता संस्थान, रांची के दौरे का प्रतिवेदन  -:   01 April 2024

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भा.वा.अ.शि.प.की प्रौद्योगिकी

  जूनीपेरस पॉलीकार्पस (हिमालयन पेन्सिल सीडार) की बीज प्रौद्योगिकी

जुनिपेरस पाॅलीकार्पोस, सी.कोच उत्तर पश्चिम हिमालयन क्षेत्र का एक महत्वपूर्ण देशज शंकु वृक्ष है, जिसे सामान्यतः हिमालयन पेंसिल सिडार के नाम से जाना जाता है। इस प्रजाति के बीजों में प्रसुप्ति होती है, जो इसके अंकुरण को प्रभावित करती है। 

  कुटकी बहुगुणन हेतु वृहद-प्रसार तकनीक

पिकोरिजा कुरूआ, रायल एक्स बेंथ जिसे सामान्यतः कुटकी के नाम से जाना जाता है, यह पश्चिमी हिमालय में पाया जाना महत्वपूर्ण शीतोष्ण औषधी पादप है, जिसकी उच्च शीतोष्ण क्षेत्रों (2700 मी. से ऊपर) में वाणिज्यिक कृषि हेतु महत्वपूर्ण संभाव्यता है।

  मुशाकबला बहुगुणन हेतु बृहद-प्रसार तकनीक

वैलरियाना जटामांसी, जोन्स जिसे सामान्यतः मुशाकबला के नाम से जाना जाता है, यह पश्चिमी हिमालय में पाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण शीतोष्ण औषधी पादप है तथा वाणिज्यिक कृषि हेतु महत्वपूर्ण संभाव्यता रखता है।

  देवदार निष्पत्रक (एक्ट्रोपिस देवदारे प्राउट) का एकीकृत कीट प्रबंधन

देवदार (सिडेरस देओदारा), उत्तर-पश्चिम हिमालय का एक अति मूल्यित एवं बहुल शंकु प्रजाति है, यह कुछ अंतरालों पर निष्पत्रक, इक्ट्रोपिस देओदारी प्राउट (लेपीडोप्टेरा: जिओमैट्रिडि) से प्रभावित होता है। यह प्रमुख नाशी-कीट देवदार वनों की अल्पवयस्क फसलों को गम्भीरता से प्रभावित करता है।

  बागवानी रोपण के साथ शीतोष्ण औषधीय पादपों का अंतरफसलीकरण

उच्च पहाड़ी शीतोष्ण क्षेत्रों के बागानों में अंतरालों का बेहतर उपयोजन किया जा सकता है तथा चुनिंदा वाणिज्यिक रूप से महत्वपूर्ण औषधीय पादपों के अंतरफसलीकरण से बागानों द्वारा आर्थिक लाभ की वृद्धि की जा सकती है।

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