राष्ट्रीय ज्ञान नेटवर्क (एनकेएन): |
भा.वा.अ.शि.प. और उसके संस्थान. इस व्यवस्था के तहत प्रावधानित संयोजकता राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान संस्थानों के बीच ज्ञान साझा करने का आधार है। भा.वा.अ.शि.प. ने अपने सभी क्षेत्रीय स्थानों में एनकेएन संयोजकता को समेकित करने की परिकल्पना की है। यथा ताकि अत्यधिक उच्च बैंडविड्थ की उपलब्धता के साथ इसे एमपीएलएस-वीपीएन व्यवस्था के विकल्प के रूप में उपयोजन किया जा सके यथा ; का.वि.प्रौ.सं., बैंगलुरू, व.आ.वृ.प्र.सं., कोयंबटूर, व.व.अ.सं., जोरहाट, शु.व.अ.सं., जोधपुर, उ.व.अ.सं., जबलपुर, व.उ.सं., रांची, हि.व.अ.सं., शिमला, व.अ.के.इ.पु., इलाहाबाद, व.जैं.सं., हैदराबाद, त.पा.तं.के., विशाखापत्तनम और व.अ.के.आ.वि.,ऑइजॉल
भा.वा.अ.शि.प. प्रबंधन द्वारा किए गए प्रयासों के परिणामस्वरूप भा.वा.अ.शि.प. संस्थानों और केंद्रों को एनकेएन कार्यक्रम में शामिल किया गया है और कार्यान्वयन एजेंसी (NICSI) के माध्यम से संयोजकता स्थापित करने के लिए जमीनी कार्य PGCIL या RailTel के माध्यम से जुलाई 2011 के महीने में शुरू किया गया। इस कार्यालय द्वारा 26 जुलाई 2011 को तृतीय पक्ष एजेंसी पीजीसीआईएल और रेलटेल को इंस्टॉलेशन कार्य और संस्थानों / केंद्रों में नोडल अधिकारियों के नामांकन की अनुमति के लिए एक पत्रव्यवहार जारी किया गया।भा.वा.अ.शि.प. की तरफ से समन्वित प्रयासों की श्रृंखला के फलस्वरूप भा.वा.अ.शि.प. और इसके संस्थानों/केंद्रों में NKN संयोजकता सक्रिय हो गई है। जुलाई 2013 से आईसीएफआरई और उसके संस्थानों के बारह स्थानों पर एनकेएन काम कर रहा है। एमपीएलएस वीपीएन को सितंबर 2013 से बंद कर दिया गया और सभी सेवाएं एनकेएन पर चल रही हैं और इससे भा.वा.अ.शि.प. को प्रति वर्ष 50 लाख रूपये से अधिक की लागत की बचत हो रही है। .
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